Description
माजिद माजिदी की फ़िल्में अगर नवयथार्थ वाद का पिटारा कही जाएँ तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए | हालाकि कई बार हम अपने यहाँ सत्यजीत रे को ये भी कहते थे कि उन्होंने भारत की गरीबी को विश्व पटल पर सिनेमा के माध्यम से उठाया है पर वही गरीबी को दिखाने के लिए कुछ लोग उनकी फिल्मों को नकारते भी देखे जा सकते है | ईरानियन फिल्म मेकर माजिदी की फ़िल्में भी नव यथार्थ वाद के भाव को पूरी तरह दिखाती है |