Description
इज़राइल द्वारा शुरू किया गया युद्ध नीति के विरुद्ध नही था , पर अब जब उन्होने अपना बदला ले लिया है और हमास की कमर तोड़ दी, उसके बाद उनको भी अब ये युद्ध बंद कर देना चाहिए |
हमास ने इज़राइल पर हमला कर एक बड़ी गलती की, जिसकी सजा आज फिलिस्तीनी जनता भुगत रही है | दूर से सभी देश इन लोगो को न सिर्फ उकसा रहे है बल्कि उनकी हालत के लिए वो भी जिम्मेदार हैं |
जब इज़राइल ने गाजा पट्टी को पर्याप्त स्वतन्त्रता और अपने यहा अरब नागरिकों को नौकरी भी दे रखी थी तो वहाँ पर पुनः युद्ध उन्माद पैदा करना और वर्चस्व की लड़ाई शुरू करने के लिए अरब देश खासकर ईरान और उससे जुड़े जेहादी संगठन जिम्मेदार है |
विश्व एक खुले समाज की तरफ बढ़ रहा है जिसमे कुछ इस्लामिक देश आज भी मध्ययुगीन मानसिकता के साथ काम कर रहे है | ईरान मे एक लड़की का विश्वविद्यालय परिसर मे अपने कपड़े उतार कर प्रदर्शन करने के बाद उसके साथ हुआ कृत्य भी मानवीय नही कहा जा सकता |
इस लड़की की मौत से क्या ईरान मे एक नए युग की शुरुआत होगी , ऐसा प्रतीत तो नही होता पर भविष्य के गर्भ मे क्या छुपा है इस पर भी टिप्पड़ी नही की जा सकती है |
आज चाहे वो रसिया और यूक्रेन का युद्ध हो या फिर इज़राइल का अपना बदला लेना सभी मानवता के लिए कष्टकारी है |
इस हमले मे मरने वालों को संख्या मे बच्चो और महिलाओ की संख्या ही सबसे ज्यादा है |
इन हमलो से कई वैश्विक संस्थाओं के ऊपर भी प्रश्न चिन्ह लग गए हैं | यू एन के शांति दूतों की मौत भी इस बात की ओर इशारा कर रही है की अब इस संस्था का प्रभाव कम हो चुका है | इसके द्वारा लगाए जान वाले दंड अब किसी को भी नही चुभता क्योंकि इस संस्था के शीर्ष मे बैठे लोग अपने – अपने हित के अनुसार वीटो का प्रयोग कर विश्व व्यबस्था को प्रभावित करते है |
अब समय आ गया है की इस संस्था को बदला जाये और इसमे कुछ अन्य विकासशील देश जैसे भारत , ब्राज़ील , जर्मनी , और अफ्रीकन प्रतिनिधि को शामिल कर इसे व्यापक स्वरूप दिया जाए |
ये संस्था तब तक प्रभावशाली नहीं हो सकती जब तक इसके साथ जुड़े देशों मे और उनकी वर्तमान स्थिति को देखते हुए कोई फैसला न कर लिए जाये |
आज विश्व को सनातन और बुद्ध के सिद्धांतो की सख्त जरूरत है जिससे मानवता को पतन मे जाने से बचाया जा सके |