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मराठी सिनेमा की नयी पहचान है श्वांस और बकेट लिस्ट

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मराठी सिनेमा का एक नया दौर शुरू हो चुका है. आज बनने वाली फिल्मों का न सिर्फ कथानक अच्छा है बल्कि वो  रूप से भी बॉलीवुड के सिनेमा के काफी करीब है. मराठी सिनेमा जगत में बॉलीवुड के प्रवेश ने इसे मजबूती प्रदान की और कुछ अच्छी तकनीकी  फिल्मों के प्रदर्शन ने मराठी सिनेमा को भारत के सिनेमा पटल पर स्थापित कर दिया |  ये कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि भारत में फिल्मों की शुरुआत एक मराठी मानुष दादा साहेब फाल्के द्वारा १९१३ में बनायीं गयी राजा हरिश्चंद्र से होती है. हालांकि इस फिल्म को हिंदी सिनेमा के साथ जोड़ कर देखा जाता है और उसका इतिहास लिखने वाले इसे बॉलीवुड  की पहली फिल्म बताते है पर मूक फिल्मों के दौर में इसे मराठी निर्मित फिल्म और मराठी सिनेमा की शुरुआत भी माना जा सकता है. मराठी की पहली बोलती फिल्म वी शांताराम निर्मित अयोध्या का राजा जनवरी १९३२ में प्रदर्शित की जाती है.