तुलसीदास कृत रामचरित मानस मे गुरु की कल्पना और सत्संगति के प्रभाव का विश्लेषण :प्रो गोविंद जी पाण्डेय
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Description
तुलसीदास जी शस्त्र और शास्त्र की महत्ता और गुरु की महत्ता पर लिखते है कि राम ने अपने एक गुरु वशिष्ठ मुनि से न सिर्फ शिक्षा ग्रहण की बल्कि विश्वामित्र से बाल्यकाल से ही शास्त्र की शिक्षा ले कर आतताईयों का समूल नाश किया | इस लिए वर्मतान शिक्षा व्यवस्था मे भी शस्त्र के साथ शास्त्र की शिक्षा दी जानी चाहिए और सैनिकों की तरह लड़ने के लिए हर विश्वविद्यालयों मे विधयार्थियों की ट्रैनिंग होनी चाहिए जिससे भारत के ऊपर अब कभी कोई दुष्ट सत्ता नजर न गड़ा सके | हालाकि भारत मे एनसीसी के माध्यम से शस्त्र शिक्षा का प्रबंध है पर उसको और कठिन और उपयोगी बनाए जाने की जरूरत है |